महाभारतम् — 12.123.21
Original
Segmented
जपेद् उदक-शीलः स्यात् सु मुखः न अन्यत् आस्थितः धर्म-अन्वितान् सम्प्रविशेद् बहिः कृत्वा एव दुष्कृतीन्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| जपेद् | जप् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| उदक | उदक | pos=n,comp=y |
| शीलः | शील | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| स्यात् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| सु | सु | pos=i |
| मुखः | मुख | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| अन्यत् | अन्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| आस्थितः | आस्था | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
| अन्वितान् | अन्वित | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| सम्प्रविशेद् | सम्प्रविश् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| बहिः | बहिस् | pos=i |
| कृत्वा | कृ | pos=vi |
| एव | एव | pos=i |
| दुष्कृतीन् | दुष्कृति | pos=a,g=m,c=2,n=p |