महाभारतम् — 12.124.47
Original
Segmented
तस्मिन् द्विजवरे राजन् वत्स्यामि अहम् अनिन्दितम् यो ऽसौ शिष्य-त्वम् आगम्य त्वयि नित्यम् समाहितः इति उक्त्वा अन्तर्हितम् तद् वै शक्रम् च अन्वविशत् प्रभो
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तस्मिन् | तद् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| द्विजवरे | द्विजवर | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| राजन् | राजन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| वत्स्यामि | वस् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| अनिन्दितम् | अनिन्दित | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽसौ | अदस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| शिष्य | शिष्य | pos=n,comp=y |
| त्वम् | त्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| आगम्य | आगम् | pos=vi |
| त्वयि | त्वद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
| नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
| समाहितः | समाधा | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| इति | इति | pos=i |
| उक्त्वा | वच् | pos=vi |
| अन्तर्हितम् | अन्तर्धा | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| वै | वै | pos=i |
| शक्रम् | शक्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| अन्वविशत् | अनुविश् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| प्रभो | प्रभु | pos=a,g=m,c=8,n=s |