महाभारतम् — 12.126.52
Original
Segmented
त्वम् हि द्रष्टा च श्रोता च कृच्छ्रेषु अर्थ-कृतेषु इह श्रुत्वा मम महा-राज न संतप्तुम् इह अर्हसि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| द्रष्टा | द्रष्टृ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| श्रोता | श्रोतृ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| कृच्छ्रेषु | कृच्छ्र | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
| कृतेषु | कृ | pos=va,g=n,c=7,n=p,f=part |
| इह | इह | pos=i |
| श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
| मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| राज | राज | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| न | न | pos=i |
| संतप्तुम् | संतप् | pos=vi |
| इह | इह | pos=i |
| अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |