महाभारतम् — 12.136.106
Original
Segmented
तस्मिन् काले ऽपि च भवान् दिवाकीर्ति-भय-अन्वितः मम न ग्रहणे शक्तः पलायन-परायणः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तस्मिन् | तद् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| काले | काल | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| ऽपि | अपि | pos=i |
| च | च | pos=i |
| भवान् | भवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| दिवाकीर्ति | दिवाकीर्ति | pos=n,comp=y |
| भय | भय | pos=n,comp=y |
| अन्वितः | अन्वित | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| न | न | pos=i |
| ग्रहणे | ग्रहण | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| शक्तः | शक् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| पलायन | पलायन | pos=n,comp=y |
| परायणः | परायण | pos=n,g=m,c=1,n=s |