महाभारतम् — 12.136.44
Original
Segmented
कदाचिद् व्यसनम् प्राप्य संधिम् कुर्यात् मया सह बलिना संनिविष्टस्य शत्रोः अपि परिग्रहः कार्य इति आहुः आचार्या विषमे जीवित-अर्थिना
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| कदाचिद् | कदाचिद् | pos=i |
| व्यसनम् | व्यसन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
| संधिम् | संधि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| कुर्यात् | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| सह | सह | pos=i |
| बलिना | बलिन् | pos=a,g=m,c=3,n=s |
| संनिविष्टस्य | संनिविश् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
| शत्रोः | शत्रु | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| अपि | अपि | pos=i |
| परिग्रहः | परिग्रह | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| कार्य | कृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=krtya |
| इति | इति | pos=i |
| आहुः | अह् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
| आचार्या | आचार्य | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| विषमे | विषम | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| जीवित | जीवित | pos=n,comp=y |
| अर्थिना | अर्थिन् | pos=a,g=m,c=3,n=s |