महाभारतम् — 12.137.33
Original
Segmented
ब्रह्मदत्त उवाच कृतस्य च एव कर्तुः च सख्यम् संधीयते पुनः वैरस्य उपशमः दृष्टः पापम् न उपाश्नुते पुनः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ब्रह्मदत्त | ब्रह्मदत्त | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| कृतस्य | कृ | pos=va,g=n,c=6,n=s,f=part |
| च | च | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| कर्तुः | कर्तृ | pos=a,g=m,c=6,n=s |
| च | च | pos=i |
| सख्यम् | सख्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| संधीयते | संधा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| वैरस्य | वैर | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| उपशमः | उपशम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| दृष्टः | दृश् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| पापम् | पाप | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| न | न | pos=i |
| उपाश्नुते | उपाश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| पुनः | पुनर् | pos=i |