महाभारतम् — 12.140.22
Original
Segmented
दैतेयान् उशनाः प्राह संशय-छेदने पुरा ज्ञानम् अव्यपदेश्यम् हि यथा न अस्ति तथा एव तत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| दैतेयान् | दैतेय | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| उशनाः | उशनस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| प्राह | प्राह् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| संशय | संशय | pos=n,comp=y |
| छेदने | छेदन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| पुरा | पुरा | pos=i |
| ज्ञानम् | ज्ञान | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अव्यपदेश्यम् | अव्यपदेश्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| यथा | यथा | pos=i |
| न | न | pos=i |
| अस्ति | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| तथा | तथा | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |