महाभारतम् — 12.140.27
Original
Segmented
तस्मात् तीक्ष्णः प्रजा राजा स्वधर्मे स्थापयेद् उत अन्योन्यम् भक्षयन्तो हि प्रचरेयुः वृका इव
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
| तीक्ष्णः | तीक्ष्ण | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| प्रजा | प्रजा | pos=n,g=f,c=2,n=p |
| राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| स्वधर्मे | स्वधर्म | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| स्थापयेद् | स्थापय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| उत | उत | pos=i |
| अन्योन्यम् | अन्योन्य | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| भक्षयन्तो | भक्षय् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| हि | हि | pos=i |
| प्रचरेयुः | प्रचर् | pos=v,p=3,n=p,l=vidhilin |
| वृका | वृक | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| इव | इव | pos=i |