महाभारतम् — 12.142.26
Original
Segmented
पञ्चयज्ञान् तु यो मोहात् न करोति गृहाश्रमी तस्य न अयम् न च परो लोको भवति धर्मतः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| पञ्चयज्ञान् | पञ्चयज्ञ | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| तु | तु | pos=i |
| यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| मोहात् | मोह | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| न | न | pos=i |
| करोति | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| गृहाश्रमी | गृहाश्रमिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| न | न | pos=i |
| अयम् | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| च | च | pos=i |
| परो | पर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| लोको | लोक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| धर्मतः | धर्म | pos=n,g=m,c=5,n=s |