महाभारतम् — 12.147.22
Original
Segmented
जनमेजय उवाच न एव वाचा न मनसा न पुनः जातु कर्मणा द्रोग्धास्मि ब्राह्मणान् विप्र चरणौ एव ते स्पृशे
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| जनमेजय | जनमेजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| न | न | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| वाचा | वाच् | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| न | न | pos=i |
| मनसा | मनस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| न | न | pos=i |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| जातु | जातु | pos=i |
| कर्मणा | कर्मन् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| द्रोग्धास्मि | द्रुह् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| ब्राह्मणान् | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| विप्र | विप्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| चरणौ | चरण | pos=n,g=m,c=2,n=d |
| एव | एव | pos=i |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| स्पृशे | स्पृश् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |