महाभारतम् — 12.150.10
Original
Segmented
किम् नु ते मारुतः तात प्रीतिमान् अथवा सुहृत् त्वाम् रक्षति सदा येन वने ऽस्मिन् पवनो ध्रुवम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| किम् | किम् | pos=i |
| नु | नु | pos=i |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| मारुतः | मारुत | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तात | तात | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| प्रीतिमान् | प्रीतिमत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| अथवा | अथवा | pos=i |
| सुहृत् | सुहृद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| रक्षति | रक्ष् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| सदा | सदा | pos=i |
| येन | येन | pos=i |
| वने | वन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| ऽस्मिन् | इदम् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| पवनो | पवन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ध्रुवम् | ध्रुवम् | pos=i |