महाभारतम् — 12.159.41
Original
Segmented
ब्राह्मणाय अवगूर्य इह स्पृष्ट्वा गुरुतरम् भवेत् वर्षाणाम् हि शतम् पापः प्रतिष्ठाम् न अधिगच्छति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ब्राह्मणाय | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| अवगूर्य | अवगुर् | pos=vi |
| इह | इह | pos=i |
| स्पृष्ट्वा | स्पृश् | pos=vi |
| गुरुतरम् | गुरुतर | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| वर्षाणाम् | वर्ष | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| हि | हि | pos=i |
| शतम् | शत | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| पापः | पाप | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| प्रतिष्ठाम् | प्रतिष्ठा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| न | न | pos=i |
| अधिगच्छति | अधिगम् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |