महाभारतम् — 12.161.46
Original
Segmented
न कर्मणा आप्नोति अनवाप्यम् अर्थम् यद् भावि सर्वम् भवति इति वित्त त्रिवर्ग-हीनः ऽपि हि विन्दते ऽर्थम् तस्माद् इदम् लोक-हिताय गुह्यम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| न | न | pos=i |
| कर्मणा | कर्मन् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| आप्नोति | आप् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| अनवाप्यम् | अनवाप्य | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| यद् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| भावि | भाविन् | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| सर्वम् | सर्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| इति | इति | pos=i |
| वित्त | विद् | pos=v,p=2,n=p,l=lot |
| त्रिवर्ग | त्रिवर्ग | pos=n,comp=y |
| हीनः | हा | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| ऽपि | अपि | pos=i |
| हि | हि | pos=i |
| विन्दते | विद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| ऽर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| तस्माद् | तस्मात् | pos=i |
| इदम् | इदम् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| लोक | लोक | pos=n,comp=y |
| हिताय | हित | pos=n,g=n,c=4,n=s |
| गुह्यम् | गुह् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |