महाभारतम् — 12.161.47
Original
Segmented
ततस् तत् अग्र्यम् वचनम् मनोनुगम् समस्तम् आज्ञाय ततो अति हेतुमत् तदा प्रणेदुः च जहर्षिरे च ते कुरु-प्रवीराय च चक्रुः अञ्जलीन्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ततस् | ततस् | pos=i |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अग्र्यम् | अग्र्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| वचनम् | वचन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| मनोनुगम् | मनोनुग | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| समस्तम् | समस्त | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| आज्ञाय | आज्ञा | pos=vi |
| ततो | ततस् | pos=i |
| अति | अति | pos=i |
| हेतुमत् | हेतुमत् | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| तदा | तदा | pos=i |
| प्रणेदुः | प्रणद् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
| च | च | pos=i |
| जहर्षिरे | हृष् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
| च | च | pos=i |
| ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| कुरु | कुरु | pos=n,comp=y |
| प्रवीराय | प्रवीर | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| च | च | pos=i |
| चक्रुः | कृ | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
| अञ्जलीन् | अञ्जलि | pos=n,g=m,c=2,n=p |