महाभारतम् — 12.162.12
Original
Segmented
अस्थान-क्रोधनः यः च अकस्मात् च विरज्यते सुहृदः च एव कल्याणान् आशु त्यजति किल्बिषी
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अस्थान | अस्थान | pos=n,comp=y |
| क्रोधनः | क्रोधन | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| अकस्मात् | अकस्मात् | pos=i |
| च | च | pos=i |
| विरज्यते | विरञ्ज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| सुहृदः | सुहृद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| च | च | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| कल्याणान् | कल्याण | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| आशु | आशु | pos=i |
| त्यजति | त्यज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| किल्बिषी | किल्बिषिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |