महाभारतम् — 12.164.12
Original
Segmented
चतुर्विधा हि अर्थ-गतिः बृहस्पति-मतम् यथा पारंपर्यम् तथा दैवम् कर्म मित्रम् इति प्रभो
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| चतुर्विधा | चतुर्विध | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
| गतिः | गति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| बृहस्पति | बृहस्पति | pos=n,comp=y |
| मतम् | मत | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| यथा | यथा | pos=i |
| पारंपर्यम् | पारम्पर्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| तथा | तथा | pos=i |
| दैवम् | दैव | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| कर्म | कर्मन् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| मित्रम् | मित्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| प्रभो | प्रभु | pos=a,g=m,c=8,n=s |