महाभारतम् — 12.170.16
Original
Segmented
श्रिया हि अभीक्ष्णम् संवासो मोहयति अविचक्षणम् सा तस्य चित्तम् हरति शारद-अभ्रम् इव अनिलः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| श्रिया | श्री | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| अभीक्ष्णम् | अभीक्ष्णम् | pos=i |
| संवासो | संवास | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| मोहयति | मोहय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| अविचक्षणम् | अविचक्षण | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| सा | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| चित्तम् | चित्त | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| हरति | हृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| शारद | शारद | pos=a,comp=y |
| अभ्रम् | अभ्र | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| अनिलः | अनिल | pos=n,g=m,c=1,n=s |