महाभारतम् — 12.172.1
Original
Segmented
युधिष्ठिर उवाच केन वृत्तेन वृत्त-ज्ञ वीत-शोकः चरेत् महीम् किम् च कुर्वन् नरः लोके प्राप्नोति परमाम् गतिम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| केन | क | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| वृत्तेन | वृत्त | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| वृत्त | वृत्त | pos=n,comp=y |
| ज्ञ | ज्ञ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| वीत | वी | pos=va,comp=y,f=part |
| शोकः | शोक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| चरेत् | चर् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| महीम् | मही | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| किम् | क | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| कुर्वन् | कृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| नरः | नर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| प्राप्नोति | प्राप् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| परमाम् | परम | pos=a,g=f,c=2,n=s |
| गतिम् | गति | pos=n,g=f,c=2,n=s |