महाभारतम् — 12.173.3
Original
Segmented
प्रज्ञया प्रापय्-अर्थः हि बलिः ऐश्वर्य-संक्षये प्रह्रादो नमुचिः मङ्कि तस्याः किम् विद्यते परम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्रज्ञया | प्रज्ञा | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| प्रापय् | प्रापय् | pos=va,comp=y,f=part |
| अर्थः | अर्थ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| बलिः | बलि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऐश्वर्य | ऐश्वर्य | pos=n,comp=y |
| संक्षये | संक्षय | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| प्रह्रादो | प्रह्राद | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| नमुचिः | नमुचि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| मङ्कि | मङ्कि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तस्याः | तद् | pos=n,g=f,c=6,n=s |
| किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| विद्यते | विद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| परम् | पर | pos=n,g=n,c=1,n=s |