महाभारतम् — 12.174.2
Original
Segmented
भीष्म उवाच आत्मना अनर्थ-युक्तेन पापे निविशते मनः स कर्म कलुषम् कृत्वा क्लेशे महति धीयते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| भीष्म | भीष्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| आत्मना | आत्मन् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| अनर्थ | अनर्थ | pos=n,comp=y |
| युक्तेन | युज् | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |
| पापे | पाप | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| निविशते | निविश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| मनः | मनस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| कर्म | कर्मन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| कलुषम् | कलुष | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| कृत्वा | कृ | pos=vi |
| क्लेशे | क्लेश | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| महति | महत् | pos=a,g=m,c=7,n=s |
| धीयते | धा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |