महाभारतम् — 12.174.5
Original
Segmented
व्याल-कुञ्जर-दुर्गेषु सर्प-चोर-भयेषु च हस्त-आवापेन गच्छन्ति नास्तिकाः किम् अतः परम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| व्याल | व्याल | pos=n,comp=y |
| कुञ्जर | कुञ्जर | pos=n,comp=y |
| दुर्गेषु | दुर्ग | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| सर्प | सर्प | pos=n,comp=y |
| चोर | चोर | pos=n,comp=y |
| भयेषु | भय | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| च | च | pos=i |
| हस्त | हस्त | pos=n,comp=y |
| आवापेन | आवाप | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| गच्छन्ति | गम् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| नास्तिकाः | नास्तिक | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अतः | अतस् | pos=i |
| परम् | पर | pos=n,g=n,c=1,n=s |