महाभारतम् — 12.175.36
Original
Segmented
भृगुः उवाच मानसस्य इह या मूर्तिः ब्रह्म-त्वम् समुपागता तस्य आसन-विधान-अर्थम् पृथिवी पद्मम् उच्यते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| भृगुः | भृगु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| मानसस्य | मानस | pos=a,g=m,c=6,n=s |
| इह | इह | pos=i |
| या | यद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| मूर्तिः | मूर्ति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| ब्रह्म | ब्रह्मन् | pos=n,comp=y |
| त्वम् | त्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| समुपागता | समुपागम् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| आसन | आसन | pos=n,comp=y |
| विधान | विधान | pos=n,comp=y |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| पृथिवी | पृथिवी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| पद्मम् | पद्म | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| उच्यते | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |