महाभारतम् — 12.177.10
Original
Segmented
भृगुः उवाच घनानाम् अपि वृक्षाणाम् आकाशो ऽस्ति न संशयः तेषाम् पुष्प-फले व्यक्तिः नित्यम् समुपलभ्यते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| भृगुः | भृगु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| घनानाम् | घन | pos=a,g=m,c=6,n=p |
| अपि | अपि | pos=i |
| वृक्षाणाम् | वृक्ष | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| आकाशो | आकाश | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽस्ति | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| न | न | pos=i |
| संशयः | संशय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तेषाम् | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| पुष्प | पुष्प | pos=n,comp=y |
| फले | फल | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| व्यक्तिः | व्यक्ति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
| समुपलभ्यते | समुपलभ् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |