महाभारतम् — 12.177.7
Original
Segmented
अनूष्मणाम् अचेष्टानाम् घनानाम् च एव तत्त्वतः वृक्षाणाम् न उपलभ्यन्ते शरीरे पञ्च धातवः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अनूष्मणाम् | अनूष्मन् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
| अचेष्टानाम् | अचेष्ट | pos=a,g=m,c=6,n=p |
| घनानाम् | घन | pos=a,g=m,c=6,n=p |
| च | च | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| तत्त्वतः | तत्त्व | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| वृक्षाणाम् | वृक्ष | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| न | न | pos=i |
| उपलभ्यन्ते | उपलभ् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| शरीरे | शरीर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| पञ्च | पञ्चन् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| धातवः | धातु | pos=n,g=m,c=1,n=p |