महाभारतम् — 12.18.23
Original
Segmented
यो ऽत्यन्तम् प्रतिगृह्णीयाद् यः च दद्यात् सदा एव हि तयोः त्वम् अन्तरम् विद्धि श्रेयान् ताभ्याम् क उच्यते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽत्यन्तम् | अत्यन्तम् | pos=i |
| प्रतिगृह्णीयाद् | प्रतिग्रह् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| दद्यात् | दा | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| सदा | सदा | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| हि | हि | pos=i |
| तयोः | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=d |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| अन्तरम् | अन्तर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| विद्धि | विद् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| श्रेयान् | श्रेयस् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| ताभ्याम् | तद् | pos=n,g=m,c=5,n=d |
| क | क | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उच्यते | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |