महाभारतम् — 12.180.23
Original
Segmented
आत्मानम् तम् विजानीहि सर्व-लोक-हित-आत्मकम् तस्मिन् यः संश्रितो देहे हि अप् बिन्दुः इव पुष्करे
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| आत्मानम् | आत्मन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| विजानीहि | विज्ञा | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
| लोक | लोक | pos=n,comp=y |
| हित | हित | pos=n,comp=y |
| आत्मकम् | आत्मक | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| तस्मिन् | तद् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| संश्रितो | संश्रि | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| देहे | देह | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| अप् | अप् | pos=i |
| बिन्दुः | बिन्दु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| पुष्करे | पुष्कर | pos=n,g=n,c=7,n=s |