महाभारतम् — 12.182.10
Original
Segmented
नित्यम् क्रोधात् तपो रक्षेत् श्रियम् रक्षेत मत्सरात् विद्याम् मान-अवमानाभ्याम् आत्मानम् तु प्रमादतः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
| क्रोधात् | क्रोध | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| तपो | तपस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| रक्षेत् | रक्ष् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| श्रियम् | श्री | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| रक्षेत | रक्ष् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| मत्सरात् | मत्सर | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| विद्याम् | विद्या | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| मान | मान | pos=n,comp=y |
| अवमानाभ्याम् | अवमान | pos=n,g=m,c=3,n=d |
| आत्मानम् | आत्मन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| प्रमादतः | प्रमाद | pos=n,g=m,c=5,n=s |