महाभारतम् — 12.183.12
Original
Segmented
यः तु एतैः शारीरैः मानसैः दुःखैः न स्पृश्यते स सुखम् वेद न च एते दोषाः स्वर्गे प्रादुर्भवन्ति तत्र भवति खलु
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| एतैः | एतद् | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| शारीरैः | शारीर | pos=a,g=n,c=3,n=p |
| मानसैः | मानस | pos=a,g=n,c=3,n=p |
| दुःखैः | दुःख | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| न | न | pos=i |
| स्पृश्यते | स्पृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| सुखम् | सुख | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| वेद | विद् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| न | न | pos=i |
| च | च | pos=i |
| एते | एतद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| दोषाः | दोष | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| स्वर्गे | स्वर्ग | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| प्रादुर्भवन्ति | प्रादुर्भू | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| खलु | खलु | pos=i |