महाभारतम् — 12.183.6
Original
Segmented
शारीरैः मानसैः दुःखैः सुखैः च अपि असुख-उदयैः अत्र उच्यते लोक-सृष्टिम् प्रपश्यन्तो न मुह्यन्ति विचक्षणाः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| शारीरैः | शारीर | pos=a,g=n,c=3,n=p |
| मानसैः | मानस | pos=a,g=n,c=3,n=p |
| दुःखैः | दुःख | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| सुखैः | सुख | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| च | च | pos=i |
| अपि | अपि | pos=i |
| असुख | असुख | pos=n,comp=y |
| उदयैः | उदय | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| अत्र | अत्र | pos=i |
| उच्यते | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| लोक | लोक | pos=n,comp=y |
| सृष्टिम् | सृष्टि | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| प्रपश्यन्तो | प्रपश् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| न | न | pos=i |
| मुह्यन्ति | मुह् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| विचक्षणाः | विचक्षण | pos=a,g=m,c=1,n=p |