महाभारतम् — 12.187.2
Original
Segmented
भीष्म उवाच अध्यात्मम् इति माम् पार्थ यद् एतद् अनुपृच्छसि तद् व्याख्यास्यामि ते तात श्रेयस्करतरम् सुखम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| भीष्म | भीष्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| अध्यात्मम् | अध्यात्म | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| पार्थ | पार्थ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| यद् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| एतद् | एतद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अनुपृच्छसि | अनुप्रछ् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| व्याख्यास्यामि | व्याख्या | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| तात | तात | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| श्रेयस्करतरम् | श्रेयस्करतर | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| सुखम् | सुख | pos=n,g=n,c=2,n=s |