महाभारतम् — 12.192.22
Original
Segmented
ब्राह्मण उवाच कृतम् लोकैः हि मे धर्म गच्छ च त्वम् यथासुखम् बहु-दुःख-सुखम् देहम् न उत्सृजेयम् अहम् विभो
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ब्राह्मण | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| कृतम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| लोकैः | लोक | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| हि | हि | pos=i |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| धर्म | धर्म | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| गच्छ | गम् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| च | च | pos=i |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| यथासुखम् | यथासुखम् | pos=i |
| बहु | बहु | pos=a,comp=y |
| दुःख | दुःख | pos=n,comp=y |
| सुखम् | सुख | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| देहम् | देह | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| न | न | pos=i |
| उत्सृजेयम् | उत्सृज् | pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| विभो | विभु | pos=a,g=m,c=8,n=s |