महाभारतम् — 12.207.29
Original
Segmented
सु दुर्गम् इव पन्थानम् अतीत्य गुण-बन्धनम् यदा पश्येत् तदा दोषान् अतीत्य अमृतम् अश्नुते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| सु | सु | pos=i |
| दुर्गम् | दुर्ग | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| पन्थानम् | पथिन् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| अतीत्य | अती | pos=vi |
| गुण | गुण | pos=n,comp=y |
| बन्धनम् | बन्धन | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| यदा | यदा | pos=i |
| पश्येत् | पश् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| तदा | तदा | pos=i |
| दोषान् | दोष | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| अतीत्य | अती | pos=vi |
| अमृतम् | अमृत | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अश्नुते | अश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |