महाभारतम् — 12.207.4
Original
Segmented
नेत्र-हीनः यथा हि एकः कृच्छ्राणि लभते ऽध्वनि ज्ञान-हीनः तथा लोके तस्मात् ज्ञान-विदः ऽधिकाः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| नेत्र | नेत्र | pos=n,comp=y |
| हीनः | हा | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| यथा | यथा | pos=i |
| हि | हि | pos=i |
| एकः | एक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| कृच्छ्राणि | कृच्छ्र | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| लभते | लभ् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| ऽध्वनि | अध्वन् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| ज्ञान | ज्ञान | pos=n,comp=y |
| हीनः | हा | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| तथा | तथा | pos=i |
| लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
| ज्ञान | ज्ञान | pos=n,comp=y |
| विदः | विद् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| ऽधिकाः | अधिक | pos=a,g=m,c=1,n=p |