महाभारतम् — 12.208.5
Original
Segmented
यत् कृतम् प्राक् शुभम् कर्म पापम् वा तद् उपाश्नुते तस्मात् शुभानि कर्माणि कुर्याद् वाच्-बुद्धि-कर्मभिः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| कृतम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| प्राक् | प्राञ्च् | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| शुभम् | शुभ | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| कर्म | कर्मन् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| पापम् | पाप | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| वा | वा | pos=i |
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| उपाश्नुते | उपाश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
| शुभानि | शुभ | pos=a,g=n,c=2,n=p |
| कर्माणि | कर्मन् | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| कुर्याद् | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| वाच् | वाच् | pos=n,comp=y |
| बुद्धि | बुद्धि | pos=n,comp=y |
| कर्मभिः | कर्मन् | pos=n,g=n,c=3,n=p |