महाभारतम् — 12.212.1
Original
Segmented
भीष्म उवाच जनको जनदेवः तु ज्ञापितः परम-ऋषिणा पुनः एव अनुपप्रच्छ साम्पराये भव-अभवौ
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| भीष्म | भीष्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| जनको | जनक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| जनदेवः | जनदेव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| ज्ञापितः | ज्ञापय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| परम | परम | pos=a,comp=y |
| ऋषिणा | ऋषि | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| अनुपप्रच्छ | अनुप्रछ् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| साम्पराये | साम्पराय | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| भव | भव | pos=n,comp=y |
| अभवौ | अभव | pos=n,g=m,c=2,n=d |