महाभारतम् — 12.213.8
Original
Segmented
आश्रमेषु च सर्वेषु दम एव विशिष्यते यत् च तेषु फलम् धर्मे भूयो दान्ते तद् उच्यते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| आश्रमेषु | आश्रम | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| च | च | pos=i |
| सर्वेषु | सर्व | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| दम | दम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| विशिष्यते | विशिष् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| तेषु | तद् | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| फलम् | फल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| धर्मे | धर्म | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| भूयो | भूयस् | pos=i |
| दान्ते | दम् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| उच्यते | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |