महाभारतम् — 12.215.34
Original
Segmented
प्रह्राद उवाच आर्जवेन अप्रमादेन प्रसादेन आत्मवत्-तया वृद्ध-शुश्रूषया शक्र पुरुषो लभते महत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्रह्राद | प्रह्राद | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| आर्जवेन | आर्जव | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| अप्रमादेन | अप्रमाद | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| प्रसादेन | प्रसाद | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| आत्मवत् | आत्मवत् | pos=a,comp=y |
| तया | ता | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| वृद्ध | वृध् | pos=va,comp=y,f=part |
| शुश्रूषया | शुश्रूषा | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| शक्र | शक्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| पुरुषो | पुरुष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| लभते | लभ् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| महत् | महत् | pos=a,g=n,c=2,n=s |