महाभारतम् — 12.215.6
Original
Segmented
अक्रुध्यन्तम् अहृष्यन्तम् अप्रियेषु प्रियेषु च काञ्चने वा अथ लोष्टे वा उभयोः सम-दर्शनम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अक्रुध्यन्तम् | अक्रुध्यत् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| अहृष्यन्तम् | अहृष्यत् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| अप्रियेषु | अप्रिय | pos=a,g=n,c=7,n=p |
| प्रियेषु | प्रिय | pos=a,g=n,c=7,n=p |
| च | च | pos=i |
| काञ्चने | काञ्चन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| वा | वा | pos=i |
| अथ | अथ | pos=i |
| लोष्टे | लोष्ट | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| वा | वा | pos=i |
| उभयोः | उभय | pos=a,g=n,c=7,n=d |
| सम | सम | pos=n,comp=y |
| दर्शनम् | दर्शन | pos=n,g=m,c=2,n=s |