महाभारतम् — 12.217.4
Original
Segmented
प्रीतिम् प्राप्य अतुलाम् पूर्वम् लोकान् च आत्म-वशे स्थितान् विनिपातम् इमम् च अद्य शोचसि आहो न शोचसि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्रीतिम् | प्रीति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
| अतुलाम् | अतुल | pos=a,g=f,c=2,n=s |
| पूर्वम् | पूर्वम् | pos=i |
| लोकान् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| च | च | pos=i |
| आत्म | आत्मन् | pos=n,comp=y |
| वशे | वश | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| स्थितान् | स्था | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
| विनिपातम् | विनिपात | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| इमम् | इदम् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| अद्य | अद्य | pos=i |
| शोचसि | शुच् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| आहो | आहो | pos=i |
| न | न | pos=i |
| शोचसि | शुच् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |