महाभारतम् — 12.217.57
Original
Segmented
याम् एताम् प्राप्य जानीषे राज-श्रियम् अनुत्तमाम् स्थिता मयि इति तत् मिथ्या न एषा हि एकत्र तिष्ठति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| याम् | यद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| एताम् | एतद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
| जानीषे | ज्ञा | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| राज | राजन् | pos=n,comp=y |
| श्रियम् | श्री | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| अनुत्तमाम् | अनुत्तम | pos=a,g=f,c=2,n=s |
| स्थिता | स्था | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| मयि | मद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| मिथ्या | मिथ्या | pos=i |
| न | न | pos=i |
| एषा | एतद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| एकत्र | एकत्र | pos=i |
| तिष्ठति | स्था | pos=v,p=3,n=s,l=lat |