महाभारतम् — 12.218.18
Original
Segmented
शक्र उवाच तिष्ठेथा मयि नित्यम् त्वम् यथा तद् ब्रूहि मे शुभे तत् करिष्यामि ते वाक्यम् ऋतम् त्वम् वक्तुम् अर्हसि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| शक्र | शक्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| तिष्ठेथा | स्था | pos=v,p=2,n=s,l=vidhilin |
| मयि | मद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
| नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
| त्वम् | त्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| यथा | यथा | pos=i |
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| ब्रूहि | ब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| शुभे | शुभ | pos=a,g=f,c=8,n=s |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| करिष्यामि | कृ | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| वाक्यम् | वाक्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| ऋतम् | ऋत | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| वक्तुम् | वच् | pos=vi |
| अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |