महाभारतम् — 12.219.6
Original
Segmented
विनीय खलु तद् दुःखम् आगतम् वैमनस्य-जम् ध्यातव्यम् मनसा हृद्यम् कल्याणम् संविजानता
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| विनीय | विनी | pos=vi |
| खलु | खलु | pos=i |
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| दुःखम् | दुःख | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| आगतम् | आगम् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
| वैमनस्य | वैमनस्य | pos=n,comp=y |
| जम् | ज | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| ध्यातव्यम् | ध्या | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
| मनसा | मनस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| हृद्यम् | हृद्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| कल्याणम् | कल्याण | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| संविजानता | संविज्ञा | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |