महाभारतम् — 12.221.40
Original
Segmented
विषण्णम् त्रस्तम् उद्विग्नम् भय-आर्तम् व्याधि-पीडितम् हृत-स्वम् व्यसन-आर्तम् च नित्यम् आश्वासयन्ति ते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| विषण्णम् | विषद् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| त्रस्तम् | त्रस् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| उद्विग्नम् | उद्विज् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| भय | भय | pos=n,comp=y |
| आर्तम् | आर्त | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| व्याधि | व्याधि | pos=n,comp=y |
| पीडितम् | पीडय् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| हृत | हृ | pos=va,comp=y,f=part |
| स्वम् | स्व | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| व्यसन | व्यसन | pos=n,comp=y |
| आर्तम् | आर्त | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
| आश्वासयन्ति | आश्वासय् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |