महाभारतम् — 12.224.15
Original
Segmented
पित्र्ये रात्रि-अहनी मासः प्रविभागः तयोः पुनः कृष्णो ऽहः कर्म-चेष्टायाम् शुक्लः स्वप्नाय शर्वरी
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| पित्र्ये | पित्र्य | pos=a,g=n,c=1,n=d |
| रात्रि | रात्रि | pos=n,comp=y |
| अहनी | अहर् | pos=n,g=,c=1,n=d |
| मासः | मास | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| प्रविभागः | प्रविभाग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तयोः | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=d |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| कृष्णो | कृष्ण | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| ऽहः | अह | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| कर्म | कर्मन् | pos=n,comp=y |
| चेष्टायाम् | चेष्टा | pos=n,g=f,c=7,n=s |
| शुक्लः | शुक्ल | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| स्वप्नाय | स्वप्न | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| शर्वरी | शर्वरी | pos=n,g=f,c=1,n=s |