महाभारतम् — 12.224.43
Original
Segmented
श्रयणात् शरीरम् भवति मूर्तिमत् षोडश-आत्मकम् तद् आविशन्ति भूतानि महान्ति सह कर्मणा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| श्रयणात् | श्रयण | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| शरीरम् | शरीर | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| मूर्तिमत् | मूर्तिमत् | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| षोडश | षोडशन् | pos=a,comp=y |
| आत्मकम् | आत्मक | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| आविशन्ति | आविश् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| भूतानि | भूत | pos=n,g=n,c=1,n=p |
| महान्ति | महत् | pos=a,g=n,c=1,n=p |
| सह | सह | pos=i |
| कर्मणा | कर्मन् | pos=n,g=n,c=3,n=s |