महाभारतम् — 12.227.21
Original
Segmented
तस्माद् उन्मज्जनस्य अर्थे प्रयतेत विचक्षणः एतद् उन्मज्जनम् तस्य यद् अयम् ब्राह्मणो भवेत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तस्माद् | तस्मात् | pos=i |
| उन्मज्जनस्य | उन्मज्जन | pos=n,g=n,c=6,n=s |
| अर्थे | अर्थ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| प्रयतेत | प्रयत् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| विचक्षणः | विचक्षण | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| एतद् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| उन्मज्जनम् | उन्मज्जन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| यद् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अयम् | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ब्राह्मणो | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |