महाभारतम् — 12.232.7
Original
Segmented
अप्रमादाद् भयम् जह्यात् लोभम् प्राज्ञ-उपसेवनात् एवम् एतान् योग-दोषान् जयेत् नित्यम् अतन्द्रितः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अप्रमादाद् | अप्रमाद | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| भयम् | भय | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| जह्यात् | हा | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| लोभम् | लोभ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| प्राज्ञ | प्राज्ञ | pos=a,comp=y |
| उपसेवनात् | उपसेवन | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| एवम् | एवम् | pos=i |
| एतान् | एतद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| योग | योग | pos=n,comp=y |
| दोषान् | दोष | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| जयेत् | जि | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
| अतन्द्रितः | अतन्द्रित | pos=a,g=m,c=1,n=s |