महाभारतम् — 12.234.6
Original
Segmented
ब्रह्मचर्येण वै लोकाञ् जयन्ति परम-ऋषयः आत्मनः च हृदि श्रेयः तु अन्विच्छ मनसा आत्मनि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ब्रह्मचर्येण | ब्रह्मचर्य | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| वै | वै | pos=i |
| लोकाञ् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| जयन्ति | जि | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| परम | परम | pos=a,comp=y |
| ऋषयः | ऋषि | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| आत्मनः | आत्मन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| च | च | pos=i |
| हृदि | हृद् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| श्रेयः | श्रेयस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| अन्विच्छ | अन्विष् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| मनसा | मनस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| आत्मनि | आत्मन् | pos=n,g=m,c=7,n=s |