महाभारतम् — 12.236.7
Original
Segmented
अकृष्टम् वै व्रीहि-यवम् नीवारम् विघसानि च हवींषि सम्प्रयच्छेत मखेषु अत्र अपि पञ्चसु
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अकृष्टम् | अकृष्ट | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| वै | वै | pos=i |
| व्रीहि | व्रीहि | pos=n,comp=y |
| यवम् | यव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| नीवारम् | नीवार | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| विघसानि | विघस | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| च | च | pos=i |
| हवींषि | हविस् | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| सम्प्रयच्छेत | सम्प्रयम् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| मखेषु | मख | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| अत्र | अत्र | pos=i |
| अपि | अपि | pos=i |
| पञ्चसु | पञ्चन् | pos=n,g=m,c=7,n=p |