महाभारतम् — 12.237.28
Original
Segmented
प्रादेश-मात्रे हृदि निश्रितम् यत् तस्मिन् प्राणान् आत्म-याजी जुहोति तस्य अग्नि-होत्रम् हुतम् आत्म-संस्थम् सर्वेषु लोकेषु स दैवतेषु
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्रादेश | प्रादेश | pos=n,comp=y |
| मात्रे | मात्र | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| हृदि | हृद् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| निश्रितम् | निश्रि | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| तस्मिन् | तद् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| प्राणान् | प्राण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| आत्म | आत्मन् | pos=n,comp=y |
| याजी | याजिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| जुहोति | हु | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| तस्य | तद् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
| अग्नि | अग्नि | pos=n,comp=y |
| होत्रम् | होत्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| हुतम् | हु | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| आत्म | आत्मन् | pos=n,comp=y |
| संस्थम् | संस्थ | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| सर्वेषु | सर्व | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| लोकेषु | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| स | स | pos=i |
| दैवतेषु | दैवत | pos=n,g=m,c=7,n=p |